उठ कर मुझे गले लगाइये
फिर से मुझे बातें समझाइये
फिर से मेरा हाथ पकड़िये
बहुत सारी बातें अधूरी रह गयी हैं
उनको पूरा कर जाइये
बहुत से चीज़ें मैंने सीखी नहीं हैं
उन्हें सिखला जाइये
पापा, मुझे छोड़ कर मत जाइये
आप योद्धा हैं, मेरे हीरो हैं
जीत कर वापस आइये
हमें अनाथ मत बनाइये
बहुत कुछ बदल जायेगा
पर आपके बिना कैसे जीया जायेगा
मेरी गलतियाँ माफ कर जाइये
पापा आप लौट आइये
बहुत सारे सपने थे हमारे
उन्हें पूरा कर जाइये
अपनी छाँव के नीचे
मुझे फिर एक बार सुला जाइये
- प्रत्यूष

No comments:
Post a Comment