Tuesday, September 14, 2021

जिंदगी समझने की बारी है


“There are special people in our lives who never leave us …. even after they are gone.”

शरीर तिल तिल टूट रहा है, 
वापस से पंच तत्व में मिलने की तैयारी है 
आत्मा पिंजड़े से आज़ाद हो रही है,
फिर से परमात्मा में जुड़ने की बारी है

बारी बारी मोह के बंधन टूट रहे हैं 
मृत्युलोक से विदा की तैयारी है
अंग अंग टूट रहा, वेंटीलेटर जीवन को खींच रहा
मौत ही मुक्ति है, यह अहसास होने की बारी है

सामने बैठ कर असहाय देख रहा हूँ
पैसे से एक साँस भी खरीद नहीं सकते
अपनी औकात समझने की बारी है 
जब बुलावा आएगा, तो हर कोई जाएगा
यह बात समझने की बारी है

- प्रत्यूष 



No comments:

Post a Comment