A moment lasts for seconds but the memories lasts forever.
जिंदगी फ़िल्म की तरह चल रही है
पीछे मुड़ कर देखो तो गुज़रे पल
तस्वीरों की तरह दिखते फिर ओझल
हो जाते हैं
कुछ चमकीले तस्वीरें हैं, कुछ धुंधली
आज आया हूँ अपना घर समेटने
उस कमरे से दादा की आवाज आ रही है
सोफे पर बैठे पापा दिख रहे हैं
छोटा मैं अपनी बहनों के साथ खेलता दिख रहा हूँ
साथ में पॉपी, पैंजी, जैकी, शेरू दिख रहे
कभी स्कूल के लिए सामान लगाता दिख रहा हूँ
कभी कॉलेज के लिए जाता दिख रहा हूँ
कभी शादी करके सौम्या को लाता दिख रहा हूँ
कभी अपनी सारी बदमाशियाँ देख रहा हूँ
अगरबत्ती के धुंए की तरह
सब दिख रहे फिर ओझल हो जा रहे
खुशबू सबकी आ रही, दिखाई कोई नहीं दे रहा
यादों का यह सैलाब कभी हँसा रहा है, कभी बहुत रुला
मुट्ठी से रेत सी फिसलती ये जिंदगी सिर्फ इस पल है,
अगले पल का पता नहीं
और पिछला धुंए की तरह उड़ चुका है
सिर्फ रह गयी है उसकी खुशबू
- प्रत्यूष
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