“There will come a time when you believe everything is finished; that will be the beginning.”
औरंगाबाद में अस्त हुआ सूरज आज काशी में निकला है
जीर्ण शीर्ण चोले को छोड़ कर आज नया रूप निखरा है
नए जोश से नया इतिहास फिर लिखा जाएगा
दुनिया देखेगी ऐसा काम किया जाएगा
अपने समय से हमेशा आगे सोचने वाले मेरे पापा
कभी हमें अपने सोच में नहीं बाँधने वाले मेरे पापा
हमें उड़ने को पूरा आसमान देने वाले मेरे पापा
उनकी सीख आगे की राह दिखाएगी
इस झंझावात में रिश्तों का नया मतलब समझ आया है
परिवार, दोस्त, साथ काम करने वाले कुछ का रूप निखर आया है
उनके साथ को जिंदगी भर भूल नहीं पाऊँगा
उन रिश्तों की गहराई को अब समझ जाऊँगा
पापा का जाना और बचपन के घर का छूटना
ऐसे घाव हैं जो कभी भर नहीं पाएंगे
पर दूसरों की छत और आसमान बनना है
इसीलिए यादों को संजों कर आगे बढ़ना है
- प्रत्यूष

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