Sunday, October 11, 2020

मृत्युशोक

You are free to choose, but you are not free to alter the consequences of your decisions.

आँसू और झूठ कब तक सच को छिपाएंगे
मेरे बच्चे एक दिन मेरे पास आएंगे 
उनके बचपन का एक टुकड़ा मैं खो दूँगा 
पर इसका दोष मैं किसे दूँगा ?

कुछ बातों के लिए खड़ा होना भी जरूरी होता है
लगातार होते आघातों से लड़ना भी जरूरी होता है 
जब अधिकारों की तो बात होगी पर कर्तव्य भूल जाएंगे 
तो कोई भी रिश्ता कैसे निभा पाएंगे 

किसी प्रिय का जाना भी नहीं रख पाता अशोक
सिर्फ किसी की मृत्यु नहीं देती है मृत्युशोक 

- प्रत्यूष



एकांतवास



One can be instructed in society, one is inspired only in solitude.

अकेलेपन का शौक बुरा होता है 
किसने कहा अकेले रहना सज़ा होता है 
मर्ज़ी के मालिक होते हैं हम
हर पल अपना होता है 

जिम्मेदारियों का बोझ कम होता है 
खुशियों का संसार बड़ा होता है 
खर्चे कम होते हैं, 
अपने लिए समय मिलता है 

खुशियाँ बाहर से नहीं आतीं
वो मन से निकलती हैं
खुद से खुश रहना
सबसे जरूरी होता है 

प्रेम, क्रोध, मोह के बंधन 
उलझाते हैं जीवन के मायाजाल में 
इस माया से निकलने का
खुद को समझने का 
एकांतवास, अकेलापन नहीं होता है

- प्रत्यूष

Thursday, October 01, 2020

दुश्मनी

You don't cross your limit, you cross someone's boundary

मेरा घर उजड़ोगे तो अपना घर भी उजड़ा पाओगे 
मेरे बच्चे ले जाओगे तो अपने बच्चे से मिलने को तरस जाओगे
बेईमानी के पैसे पर इतना अकड़ दिखाना ठीक नहीं
एक दिन ऐसा भी आएगा कि दाने दाने को तरस जाओगे 

हर क्रिया की प्रतिक्रिया होगी
दूसरे को कमजोर समझना भूल होगी 
खोने के बाद खोने का डर भी चला जाता है
फिर तो दुश्मनी भरपूर होगी 

जिस संस्कृति में लड़की के घर के पानी पीने को बुरा मानते थे
वहाँ पैसे और रसूख से आत्मसम्मान को बार बार तोड़ना तुम्हारी भूल होगी 
कहना तुम्हारा भी सही होगा कि घर तुम्हारा कमज़ोर था, मैंने तो बस सहारे की जगह धक्का दिया 

बच्चों के लिए झुकूंगा, माँ के लिए खड़ा होऊंगा 
इसमें मुझे बुरा समझना भूल होगी
अगर मुझे सब कुछ खोना है तो फिर
दुश्मनी भरपूर होगी

- प्रत्यूष

Wednesday, July 22, 2020

रिश्ते और शिकायतें

The more you complain about your Problems, the more problems you will have to complain about you

रिश्तों में जब शिकायतों की बनने लगे लिस्ट 
मतलब भरोसे पर चढ़ने लगी मिस्ट 
हर बात को जब दिया जाने लगे नया ट्वीस्ट 
तो कोई उतार नहीं सकता यह रस्ट

- प्रत्यूष




Sunday, June 07, 2020

कोरोना

Not everything which is bad comes to hurt us 

मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ 

पैसे के पीछे भागती इस दुनिया को 
अपने परिवार के साथ बिठाने आया हूँ
कम पैसों में भी खुशियाँ मिल सकती हैं
यह इनको सिखलाने आया हूँ 
मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ 

सिर्फ इंसान बंद हो जाएं तो, प्रकृति कैसे हँसती है 
हवा, पानी, पहाड़, जानवर, चिड़िया कैसे चहकती है
जिन शहरों में धूल के गुबार थे, 
वहाँ से आज हिमालय दिख रहा है 
नदियों का जल फिर से वैसे कलकल करने लगा है
मैं यही दिखलाने आया हूँ 
मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ 

डरो मत मुझसे सीख लो, मैंने बहुतों को नहीं मारा 
इससे ज्यादा इंसानों को तो इंसानों ने ही मारा
कभी आतंकवाद, कभी युद्ध, 
कभी गाड़ियाँ ही टकराई हैं सड़कों पर 
मैं तो तुम्हें सिर्फ नींद से जगाने आया हूँ 
मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ । 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ 

इंसानों को हैसियत मैंने है बतलाई 
पृथ्वी के वे मालिक नहीं 
जियें और सबको जीने दें
यही समझाने आया हूँ 
मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ । 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ 

बुद्ध, मोहम्मद, ईसा, राम की 
बात नहीं समझे इसीलिए
इंसानों को थोड़ा डराने आया हूँ
मैं वायरस नहीं शिक्षक हूँ । 
देवदूत, पैगम्बर हूँ , मैं जीवन सिखलाने आया हूँ

- प्रत्यूष

Monday, June 01, 2020

गँगा

Gita and Ganga constitute, between themselves, the essence of Hinduism: one its theory, and the other is practice. 

प्राणदायिनी, पापनाशिनी, मोक्षदायिनी गंगे 
दुःखहरणी, जीवपोषणी,  जीवनदात्री गंगे 
त्रिपथगी, मंदाकिनी, भागीरथी, गंगे 
ब्रह्मकमंडल उद्भवनी, विष्णु पदगामिनी गंगे 
शिवजटावासिनी जहान्वी गंगे 
कलियुगअंते, स्वर्गगामिनी गंगे
गंगापुत्र सदातारणी गंगे

- प्रत्यूष



गँगा दशहरा (1 जून 2020) मौनी बाबा आश्रम, छितौनी, काशी