One can be instructed in society, one is inspired only in solitude.
अकेलेपन का शौक बुरा होता है
किसने कहा अकेले रहना सज़ा होता है
मर्ज़ी के मालिक होते हैं हम
हर पल अपना होता है
जिम्मेदारियों का बोझ कम होता है
खुशियों का संसार बड़ा होता है
खर्चे कम होते हैं,
अपने लिए समय मिलता है
खुशियाँ बाहर से नहीं आतीं
वो मन से निकलती हैं
खुद से खुश रहना
सबसे जरूरी होता है
प्रेम, क्रोध, मोह के बंधन
उलझाते हैं जीवन के मायाजाल में
इस माया से निकलने का
खुद को समझने का
एकांतवास, अकेलापन नहीं होता है
- प्रत्यूष
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