Thursday, October 01, 2020

दुश्मनी

You don't cross your limit, you cross someone's boundary

मेरा घर उजड़ोगे तो अपना घर भी उजड़ा पाओगे 
मेरे बच्चे ले जाओगे तो अपने बच्चे से मिलने को तरस जाओगे
बेईमानी के पैसे पर इतना अकड़ दिखाना ठीक नहीं
एक दिन ऐसा भी आएगा कि दाने दाने को तरस जाओगे 

हर क्रिया की प्रतिक्रिया होगी
दूसरे को कमजोर समझना भूल होगी 
खोने के बाद खोने का डर भी चला जाता है
फिर तो दुश्मनी भरपूर होगी 

जिस संस्कृति में लड़की के घर के पानी पीने को बुरा मानते थे
वहाँ पैसे और रसूख से आत्मसम्मान को बार बार तोड़ना तुम्हारी भूल होगी 
कहना तुम्हारा भी सही होगा कि घर तुम्हारा कमज़ोर था, मैंने तो बस सहारे की जगह धक्का दिया 

बच्चों के लिए झुकूंगा, माँ के लिए खड़ा होऊंगा 
इसमें मुझे बुरा समझना भूल होगी
अगर मुझे सब कुछ खोना है तो फिर
दुश्मनी भरपूर होगी

- प्रत्यूष

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