Wednesday, July 27, 2022

एक बरस बीत गया

I can no longer see you with my eyes, touch you with my hands, But I will feel you in my heart forever.

मेरे सपनों में भी आइए पापा
कुछ प्यार, कुछ डांट कुछ बातें 
अपना हाल बता जाइए पापा
आपको गए एक बरस बीतने को है

एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरा जिस दिन मैं रोया नहीं
आप सबके सपने में आए पापा 
पर मुझे भूल गए
मुझे भी नींद में सहला जाइए पापा

बहुत कुछ बदल गया इस एक साल में
जिम्मेदारी का अहसास हो गया
थोड़ा दुनिया से विरक्त भी हो गया 
आपका एहसास और गहरा हो गया

मणिकर्णिका में ढूंढता हूं आपको 
गंगा में छूता हूं, 
आप दिखते तो नहीं पर आप हैं 
हर पल अपने चारो तरफ
आपको महसूस करता हूं

- प्रत्यूष 

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