With ordinary talent and extraordinary perseverance, all things are attainable
पत्थर से भगवान बनते हैं
मिट्टी से अनाज बनते हैं
दिन बनाने में रात लगती है
कुछ को ये बात आसान लगती है
लोहे से औजार बनते हैं
पौधे से पोशाक बनते हैं
जिंदगी बनाने में जिंदगियां लगती हैं
कुछ को ये बात आसान लगती है
एक सपने से नए मुकाम बनते हैं
एक कदम से दुनिया नपती है
सफलता अर्जित करने में सदियां लगती है
कुछ को ये बात आसान लगती है
पीढ़ियों के तप से संस्कार बनते हैं
व्यक्तियों के तप से समाज बनते हैं
समाजों के तप से देश बनता है
कुछ को ये बात आसान लगती है
- प्रत्यूष
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