You are free to choose, but you are not free to alter the consequences of your decisions.
आँसू और झूठ कब तक सच को छिपाएंगे
मेरे बच्चे एक दिन मेरे पास आएंगे
उनके बचपन का एक टुकड़ा मैं खो दूँगा
पर इसका दोष मैं किसे दूँगा ?
कुछ बातों के लिए खड़ा होना भी जरूरी होता है
लगातार होते आघातों से लड़ना भी जरूरी होता है
जब अधिकारों की तो बात होगी पर कर्तव्य भूल जाएंगे
तो कोई भी रिश्ता कैसे निभा पाएंगे
किसी प्रिय का जाना भी नहीं रख पाता अशोक
सिर्फ किसी की मृत्यु नहीं देती है मृत्युशोक