जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं, जो आपको बेबस और असहाय कर जाते हैं
वह आपको बहुत कुछ सिखला जाते हैं, और जीवन की दिशा बदल जाते हैं
समझा जाते हैं कि सपने यथार्थ में कैसे बदले जाते हैं
जब कठिनाइयाँ घेरें और कोई रास्ता न आये नज़र
तो रो लो, कर लो विश्राम, पर तलाशो अपनी गलतियां निष्पक्ष चिंतन कर
पर रुको नहीं
अपने सपनों को टूटने मत दो
समय जो घाव देता है, वो समय ही भरता है
उन कठिन क्षणों मैं धैर्य रखो और भरने दो उन घावों को
और अपने सही समय का इंतज़ार करो
पर रुको नहीं
नयी संभावनाएं, नए रास्ते तलाश करो
अपनी मेहनत और भाग्य से आगे बढ़ता है मानव
कैसे हुआ , किसकी गलती, अगिनत सुख, अगिनत दुःख
इन सब का कारण वह कभी खुद को कभी खुदा को बता जाता है
पर भूल जाता है, कि यह जीवन है एक अथाह सागर
जिसकी सीमाएं जानता है सिर्फ ईश्वर
उसने देखी है हमारी उड़ान, और जानता है वो हमारा सामर्थ्य भी
और उसने न चाहा हमारा बुरा कभी
इसलिए बीच बीच में सिखलाता है
कभी सुख दे कर कभी दुःख दे कर
शांत चित से उसके इशारे समझने चाहिए
और बढना चाहिए अपने सपनों की और निरंतर
निर्विवाद, अविराम, अनवरत और अनश्वर !
- प्रत्यूष
आभार :
माँ और श्री मानस प्रकाश जी को संपादन और मार्गदर्शन हेतु !